समय का सदुपयोग | Proper Use of Time
जीवन और समय का गहरा संबंध है। सच तो यह है कि समय का एक रूप ही जीवन है। जैसे-जैसे समय बीतता है, मनुष्य का जीवन काल भी कम होता जाता है, अतः मानव के लिए समय सबसे अधिक मूल्यवान है। जीवन के रूप में उसे जितना समय मिला है, उसी में उसे कुछ करके दिखाना होता है। जो व्यक्ति समय के कीमत को नहीं जानता, वह अपने जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता, चाहे उसके पास कितनी ही क्षमता क्यों न हो। समय के कीमत को पहचानना ही समय का सदुपयोग है।
समय बहुत बलवान है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसी कई स्थितियाँ आती हैं। उन क्षणों में यदि मन जीता जा सकता है तो जीवन का सब कुछ जीता जा सकता है। जो व्यक्ति आलस और प्रमाद (carelessness) के कारण काम को आगे के लिए छोड़ देता है, वह आगे नहीं बढ़ सकता है। यदि आज का काम आज किया जाए तो कल और आगे बढ़ने का अवसर हाथ से नहीं जाता।
समय किसी के साथ नहीं ठहरता, वह अपनी गति से सदा आगे बढ़ता रहता है। समय का उचित उपयोग ही जीवन में सफलता की कुंजी है। यदि हम अपने जीवन के बीतने वाले एक-एक पल का ठीक से उपयोग कर सकें तो संसार का बड़े से बड़ा काम भी हमारे लिए सरल हो सकता है। संसार के जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं, सबने समय के मूल्य को पहचान कर ही आगे कदम बढाया और अंत में प्रतिष्ठा के उच्च शिखर पर चढ़ने में सफल हुए।
नेपोलियन की महान विजयों के मूल में समय का ही हाथ था।
समय का सदुपयोग हमारे जीवन में उत्कृष्टता और सफलता के द्वार खोलता है। इसलिए समय के महत्व को समझना और हर पल का उचित उपयोग करना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता, और हमे इसके अनुसार चलना पड़ता है। जो काम आज करना है, वह आज ही कर लेना चाहिए क्योंकि कल कभी नहीं आता। कबीर दास ने कहा था, “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, फिर करेगा कब।” किसी भी कार्य को टालने का तात्पर्य है उसे हमेशा के लिए भूल जाना।
‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का अर्थ है कि अगर अभी नहीं किया तो कभी नहीं कर पाओगे। कहा भी गया है, “आषाढ़ का एक दिन और दुकान का एक दिन कभी वापस नहीं आता।” इसलिए जो लोग आलस्य के कारण किसी काम को टाल देते हैं, वे कभी उस अवसर को नहीं पा सकते, क्योंकि “गया वक्त कभी वापस नहीं आता।” चूके हुए अवसर केवल पछतावा देते हैं। तब व्यक्ति कहता है, “उड़ गया मेरा समय जैसे पक्षी, और मैं खाली सपनों में जी रहा।”
विद्यार्थी जीवन में समय सबसे मूल्यवान है। हर एक पल हीरे-मोती जैसा कीमती है। हर विद्यार्थी को चाहिए कि 24 घंटे को इस प्रकार सुनियोजित रूप में बांटकर उनका सदुपयोग करें जिससे उसकी शारीरिक, मानसिक और नैतिक सभी क्षमताओं का संतुलित रूप से विकास हो सके। जो विद्यार्थी अपने आज के काम को कल पर टाल देते हैं और जो अपने समय का संतुलित नियोजन नहीं करते, वे चाहे कितने ही बुद्धिमान क्यों न हों, जीवन में असफल हो जाते हैं। सफलता का केवल एक ही दुश्मन है- समय के प्रति आलस्य।
समय हाथ में तभी आ सकता है, जब हम अपने आप को नियोजित करें, प्रत्येक काम के लिए कार्यक्रम बना लें और फिर उस पर अटल रहकर आगे बढ़ें। यदि कार्यक्रम बनाकर दीवार पर टांग दिया और उसके अनुसार आचरण नहीं किया तो वह कार्यक्रम व्यर्थ है। समय का सदुपयोग जीवन को सार्थक और समय का दुरुपयोग जीवन को भटकाव में डाल देता है। अतः समय के मूल्य को पहचानना ही जीवन की सबसे बड़ी सफलता है। इस प्रकार जीवन में समय का महत्व स्पष्ट होता है।